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Nainital: नैनी झील में लगाए गए इलेक्ट्रॉनिक गेट, बरसात के दौरान नहीं होगी ओवरफ्लो की समस्या

 



नैनीताल: सरोवर नगरी की शान नैनी झील का जलस्तर बरसात के समय में काफी बढ़ जाता है। झील में ब्रिटिश काल का एक निकासी गेट होने के कारण झील का पानी ओवरफ्लो होकर बहने लगता है। जिसका समाधान प्रशासन ने झील में 2 इलेक्ट्रॉनिक गेट लगाकर निकाल लिया है।


उत्तराखंड के नैनीताल की पहचान प्रसिद्ध नैनीझील का 
जलस्तर हर साल बरसात के सीजन के दौरान बढ़ जाता है। इसके चलते पानी के ओवरफ्लो को देखते हुए ऑटोमेटिक इंटरनेट सिस्टम से गेट खोलने व बन्द करने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा लगभग एक करोड़ रुपये के बजट से नये गेटों को लगाने की तैयारियां की जा रही हैं। गेट लगाने का काम काफी हद तक पूरा कर लिया गया है। बचे कार्य को सम्भवतया 15 जून तक पूरा कर लिया जायेगा।



बरसात के दौरान होती है ओवरफ्लो की समस्या
नैनीझील में बरसात के दौरान होने वाले पानी के ओवरफ्लो को देखते हुए ब्रिटिश कालीन गेटों के स्थान पर अब नए गेट लगाने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा पूर्व में एक करोड़ रुपये से अधिक का लागत का प्रस्ताव तैयार किया गया था। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता हरीश चंद्र सिंह ने बताया कि झील के निकासी द्वार के पास ही दो नए इलेक्ट्रॉनिक गेट लगाने का काम अब लगभग पूरा हो चुका है। नई व्यवस्था पूरी तरह से ऑटोमेटिक सिस्टम पर आधारित है। जो बरसात के दिनों में झील का पानी ओवरफ्लो होने पर इंटरनेट सिस्टम से स्वतः ही खुलने व बन्द होने का काम करेंगे। विभाग द्वारा झील के गेटों को लगाने का कार्य निर्धारित समय में पूरा कर लिया गया है।






देशभर से आते हैं पर्यटक

बता दे, कि पर्यटन नगरी नैनीताल नैनी झील के किनारे बसी हुई है। झील के चारों ओर पहाड़ों पर बसा शहर अपने में अनुपम सौंदर्य समेेटे हुआ है। लोग देश के कोने कोने से सरोवर नगरी में घूमने के लिए आते है और झील में बोटिंग का आनंद लेते है। नैनी झील ही यहां के लोगों की जीविका का सबसे बड़ा जरिया है।



















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